Sunita Williams News LIVE: सुनीता विलियम्स की 9 महीने बाद अंतरिक्ष से वापसी

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Sunita Williams Return

17 घंटे की यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौटीं सुनीता विलियम्स

नासा की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विलमोर नौ महीने के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए हुई, जिसने भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में सफलतापूर्वक स्पलैशडाउन किया।

https://x.com/NASA/status/1902117081044189237

एक हफ्ते का मिशन बना 9 महीने का सफर

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना किया गया था। इस मिशन की अवधि सिर्फ एक सप्ताह की थी, लेकिन अंतरिक्ष यान में हीलियम रिसाव और वेग में कमी के चलते यह मिशन 9 महीने तक बढ़ गया। इस दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS पर कई महत्वपूर्ण प्रयोग और अनुसंधान किए।

लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से शरीर पर क्या होगा असर?

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी (Microgravity) के कारण लंबे समय तक रहने से शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं। मांसपेशियों की ताकत कम हो सकती है और हड्डियों का घनत्व घट सकता है। पृथ्वी पर हमारा शरीर गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ लगातार काम करता है, जिससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहती हैं। लेकिन अंतरिक्ष में शरीर को बिना गुरुत्वाकर्षण के काम करना पड़ता है, जिससे कमजोरी आ सकती है। वैज्ञानिक इस प्रभाव को कम करने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को नियमित व्यायाम और विशेष आहार देते हैं।

कैसे हुई वापसी?

  • अंतरिक्ष यान तड़के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक हुआ।
  • 17 घंटे की यात्रा के बाद, स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के समुद्री क्षेत्र में लैंड हुआ।
  • नासा की टीम ने तुरंत यात्रियों को बाहर निकालकर स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया शुरू की।
  • इस वापसी का नासा ने सीधा प्रसारण किया और मिशन से जुड़े अपडेट साझा किए।

सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक उपलब्धि

यह सुनीता विलियम्स की दूसरी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा थी। उन्होंने पहले भी कई बार अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी सुरक्षित वापसी पर वैज्ञानिक समुदाय में खुशी और उत्साह का माहौल है। 🚀🌍

अंतरिक्ष मिशन का भविष्य

नासा और स्पेसएक्स इस मिशन से मिली चुनौतियों का गहराई से अध्ययन करेंगे ताकि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को और सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सके।

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