नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) में लगातार बदलाव का दौर जारी है, और पार्टी प्रमुख मायावती बड़े फैसले ले रही हैं। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने अपने पारंपरिक वोट बैंक को साधने की कोशिश करते हुए गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और वंचित वर्गों के हितों की बात की।
मायावती ने सरकार पर गरीब विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे वंचित वर्गों के लिए काम करना चाहिए, लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा करने में विफल रही है। उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बताया जा रहा है, लेकिन राज्य में लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। साथ ही, उन्होंने बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय दलों पर कांग्रेस की नीतियों को अपनाने का आरोप लगाया।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने यूपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा गरीबों के हितों के लिए प्रतिबद्ध रही है और पहले भी उनके उत्थान के लिए काम किया है। हालांकि, यूपी सरकार बड़े-बड़े विकास के दावे कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
मायावती ने बीजेपी सरकार पर धर्मस्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार बजट में बड़े-बड़े वादे तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर उन पर अमल नहीं होता। साथ ही, उन्होंने गरीबों के लिए आवंटित धन के दुरुपयोग पर चिंता जताई और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए।
बसपा में बड़ा बदलाव: मायावती का अहम फैसला
हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में बड़े बदलाव हुए हैं। मायावती ने 2 मार्च को आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अन्य पदों से हटा दिया था। अगले ही दिन उन्हें पार्टी से भी बाहर कर दिया गया। इसके अलावा, बसपा ने अशोक सिद्धार्थ पर गुटबाजी फैलाने का आरोप लगाया, जबकि आकाश आनंद पर अपने ससुर के प्रभाव में काम करने का आरोप लगा।
मायावती ने पार्टी में नया नेतृत्व स्थापित करते हुए रणधीर बेनीवाल को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया है। वहीं, उनके भाई आनंद कुमार अब भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने रहेंगे। मायावती ने साफ कहा कि उनके जीते जी पार्टी में कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। उन्होंने दोहराया कि उनके लिए पार्टी और आंदोलन सबसे पहले हैं, जबकि परिवार और रिश्ते बाद में आते हैं। उनके इस फैसले का पार्टी कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया।