दिल्ली में CNG से चलने वाले ऑटो रिक्शा को धीरे-धीरे सड़कों से हटाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए EV Policy 2.0 का एक मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसकी जानकारी सोमवार को सामने आई। इस प्रस्ताव के तहत 15 अगस्त के बाद से नए CNG ऑटो रिक्शा का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा। नई नीति का असर सिर्फ ऑटो तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दोपहिया वाहनों और निजी कार मालिकों के लिए भी कुछ अहम सुझाव दिए गए हैं।
EV Policy 2.0 के नए मसौदे के अनुसार, 15 अगस्त के बाद CNG ऑटो के परमिट का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा। मौजूदा सभी परमिट को केवल इलेक्ट्रिक ऑटो परमिट से बदला जाएगा। इसके अलावा, नई नीति में नगर निकायों और शहर की बसों द्वारा कचरा ढोने के लिए इस्तेमाल हो रहे पुराने वाहनों को भी चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश की गई है।
अब 10 साल से पुराने सभी CNG ऑटो रिक्शाओं को बैटरी से चलने वाला बनाना अनिवार्य होगा। यानी, इन्हें इलेक्ट्रिक ऑटो में बदला जाएगा। इसके अलावा, 15 अगस्त से पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले दोपहिया वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, सामान ढोने वाले CNG तीन-पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी बंद कर दिया जाएगा।
अब बैटरी से दौड़ेंगे ऑटो रिक्शा!
नई नीति के मसौदे में प्रस्ताव है कि 10 साल से ज्यादा पुराने सभी CNG ऑटो रिक्शा अब अनिवार्य रूप से बैटरी से चलने वाले बनेंगे। इसके अलावा, 15 अगस्त से पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाले दोपहिया वाहनों पर भी रोक लगाई जाएगी। साथ ही, माल ढोने वाले CNG आधारित तीन पहिया वाहनों का नया रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जाएगा।
नई नीति के अंतर्गत, दिल्ली नगर निगम, नगरपालिका परिषद और जल बोर्ड द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी कचरा वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा। इस मसौदा नीति में यह प्रस्ताव रखा गया है कि 31 दिसंबर, 2027 तक राजधानी दिल्ली में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, सरकारी बसों को भी पारंपरिक ईंधन से हटाकर इलेक्ट्रिक बसों में परिवर्तित करने की सिफारिश की गई है।
दिल्ली की सड़कों पर दौड़ेंगी सिर्फ इलेक्ट्रिक बसें!
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (DIMTS) अब शहर के अंदर केवल इलेक्ट्रिक बसों की ही खरीददारी करेंगे। वहीं, राज्य के बाहर (इंटरस्टेट) रूटों पर बीएस-VI मानकों वाली डीज़ल या सीएनजी बसों का संचालन किया जाएगा।
अगर किसी व्यक्ति के पास पहले से दो प्राइवेट कारें हैं, तो भविष्य में वह केवल इलेक्ट्रिक कार ही खरीद सकेगा। यह प्रावधान दिल्ली की नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति 2.0 के तहत प्रस्तावित किया गया है। हालांकि, इस मसौदे को अभी दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है। मंजूरी मिलने के बाद ही इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करना है और लोगों को पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की ओर प्रेरित करना है।