इसरो अध्यक्ष नारायणन ने सुनीता विलिम्स का स्वागत किया, भारत उनके अनुभव का लाभ उठाना चाहता है”

नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स मंगलवार को नौ महीने के अंतरिक्ष प्रवास के बाद पृथ्वी पर लौटे।

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ISRO अध्यक्ष वी नारायणन ने बुधवार को कहा कि अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है और यह नासा, स्पेसएक्स और अमेरिका की अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत उनके अंतरिक्ष अन्वेषण में अनुभव का लाभ उठाना चाहेगा।

इसरो ने ‘X’ पर नारायणन का संदेश साझा करते हुए लिखा, “स्वागत है, सुनीता विलियम्स! आईएसएस पर विस्तारित मिशन के बाद आपकी सुरक्षित वापसी एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह नासा, स्पेसएक्स और अमेरिका की अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है!

उन्होंने कहा कि सुनीता विलियम्स की दृढ़ता और समर्पण दुनिया भर के अंतरिक्ष प्रेमियों को प्रेरित करते रहते हैं।

नारायणन ने कहा, “डॉस सचिव और इसरो अध्यक्ष के रूप में, मैं अपने सहयोगियों की ओर से आपको हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और आपके सुखद भविष्य की कामना करता हूं।”

उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जब भारत एक विकसित देश बनने की दिशा में कार्य कर रहा है, हम अंतरिक्ष अन्वेषण में आपके अनुभव का लाभ उठाना चाहते हैं।”

नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स मंगलवार को नौ महीने के अंतरिक्ष प्रवास के बाद पृथ्वी पर लौटे। उनका आठ दिन का निर्धारित अंतरिक्ष मिशन तकनीकी गड़बड़ी के कारण नौ महीने तक खिंच गया।

पूर्व अमेरिकी नौसेना कप्तान सुनीता विलियम्स, 59, का जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहायो के यूक्लिड में हुआ था। उनके पिता, दीपक पंड्या, गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन गांव से हैं, जबकि उनकी मां, अर्सुलीन बॉनी पंड्या, स्लोवेनियाई मूल की हैं।

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