क्रुणाल पांड्या, जो IPL के किसी भी सीजन में 12 से ज्यादा विकेट नहीं ले पाए हैं, ने इस सीजन की शुरुआत में ही RCB की स्पिन समस्या को दूर करने का संकेत दिया। RCB के स्पिन विभाग को इस बार कमजोर माना जा रहा था, जहां टीम ने ज्यादा निवेश नहीं किया था और क्रुणाल जैसे ऑलराउंडर पर निर्भरता थी, जिन्होंने अब तक IPL में सिर्फ 76 विकेट लिए थे।
KKR के खिलाफ अपने पहले ओवर में, क्रुणाल को पहले ही गेंद पर 89 मीटर का छक्का और लगातार बाउंड्री पड़ीं। लेकिन उन्होंने बेहतरीन वापसी करते हुए 3/29 के आंकड़े दर्ज किए। उनका यह प्रदर्शन न केवल RCB की स्पिन रणनीति के लिए बल्कि उनके खुद के आत्मविश्वास के लिए भी अहम था।
पहला बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने 25 गेंदों में अर्धशतक लगाने वाले अजिक्य रहाणे को आउट किया। यह विकेट उन्होंने सोच-समझकर लिया, गेंद की लेंथ और लाइन ऐसी रखी जिससे रहाणे सीधा शॉट खेलें और डीप फील्डर के हाथों कैच हो गए। इसके बाद, वेंकटेश अय्यर को उन्होंने बाउंसर और अगली गेंद पर विकेट-टू-विकेट डिलीवरी से बोल्ड किया। फिर रिंकू सिंह को उन्होंने अपनी तेज और सीधी गेंद से क्लीन बोल्ड कर दिया।
क्रुणाल ने अपनी गति में बदलाव करते हुए बल्लेबाजों को उलझाए रखा। अपने पहले ओवर में लगभग 101 किमी/घंटे की गति से गेंदबाजी करने के बाद उन्होंने बाकी ओवरों में अपनी गति को औसतन 97 किमी/घंटे तक रखा। खास बात यह रही कि उनकी तीनों विकेट की गेंदें उनके ओवर की सबसे तेज गेंदें थीं।
मैच के बाद क्रुणाल ने कहा, “जब आप इतने बड़े दर्शकों के सामने खेलते हैं, तो आपका फोकस ज्यादा स्पष्ट होना चाहिए। मैंने यही किया और यह तय किया कि अगर कोई मुझे मारता है, तो वो सिर्फ अच्छी गेंद पर मारे। क्रिकेट के साथ स्किल्स भी विकसित हो रहे हैं, इसलिए आपको भी अपनी गेम को अपग्रेड करना जरूरी है।”
ईडन गार्डन की पिच पर उनकी सटीक गेंदबाजी ने RCB को राहत दी। हालांकि, चिन्नास्वामी की सपाट पिच पर नई चुनौतियां होंगी, लेकिन क्रुणाल का यह प्रदर्शन RCB के लिए सही दिशा में एक बड़ा कदम है। उनके इस प्रदर्शन ने RCB के फैंस को यह उम्मीद दी है कि वे सीजन में बार-बार ऐसे मैच जिताऊ स्पेल देंगे।