अभिषेक त्रिपाठी, दुबई। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में भारतीय टीम का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले इस मुकाबले के लिए टीम इंडिया पूरी तरह तैयार है। भारतीय टीम 16 फरवरी को दुबई पहुंची थी और तब से लगातार यहां अभ्यास कर रही है। उसने लीग चरण में बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड को आसानी से हराया, जबकि सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को भी एकतरफा मुकाबले में पराजित किया।
भारतीय टीम दुबई में अब तक तीन अलग-अलग पिचों पर खेल चुकी है और यहां की धीमी पिचों को अच्छी तरह समझ चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए टीम पांच स्पिनरों के साथ आई थी, जिसमें पिछले दो मुकाबलों में चार स्पिनरों को एक साथ खिलाया गया। मुकाबले दर मुकाबले टीम ने खुद को इन परिस्थितियों के अनुरूप ढाल लिया है, जिससे उसे न्यूजीलैंड पर बढ़त मिल सकती है।
भारत के सामने इतिहास की चुनौती
हालांकि, अगर इतिहास पर नजर डालें तो भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल पहले भी हो चुका है। वर्ष 2000 में हुए इस खिताबी मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी। इसके अलावा, 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में भी कीवी टीम ने भारत को शिकस्त दी थी। ऐसे में भारतीय टीम के सामने न सिर्फ खिताब जीतने की चुनौती है, बल्कि इतिहास को बदलने का भी मौका होगा।
अगर न्यूजीलैंड की बात करें तो उसने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले शानदार प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान में हुई त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में न्यूजीलैंड ने मेजबान टीम को हराकर खिताब अपने नाम किया। इसके बाद कराची में अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए अभ्यास मैच में भी इस टीम ने दो विकेट से जीत दर्ज की। वहीं, टूर्नामेंट के अपने पहले ही मुकाबले में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को 60 रनों से हराकर दमदार शुरुआत की।
दुबई की पिच पर न्यूजीलैंड की मुश्किलें
न्यूजीलैंड ने ग्रुप-ए के एक अन्य मुकाबले में रावलपिंडी में बांग्लादेश को पांच विकेट से हराकर शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, इसके बाद उसे अपना तीसरा लीग मैच दुबई में खेलना पड़ा, जहां की पिच पाकिस्तान से काफी अलग थी। इस बदलाव से कीवी टीम को दिक्कत हुई और वे इस परिस्थिति में खुद को ढाल नहीं सके। उस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 249 रन बनाए थे, जिसके जवाब में मिशेल सेंटनर की टीम लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रही और 205 रनों पर सिमट गई।
कराची में खेले गए पहले वनडे में 320 रन बनाने वाली न्यूजीलैंड की टीम दुबई से पाकिस्तान लौटते ही बल्लेबाजी के अनुकूल पिचों पर लय में आ गई। दूसरे सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए कीवियों ने छह विकेट पर 362 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस मुकाबले में रचिन रवींद्र और केन विलियमसन ने बेहतरीन शतक जड़े। जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने लाहौर में लक्ष्य का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन नौ विकेट गंवाकर सिर्फ 312 रन ही बना सकी, जिससे न्यूजीलैंड को फाइनल का टिकट मिल गया।
भारत को अतिरिक्त तैयारी और आराम का फायदा
न्यूजीलैंड ने भले ही सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 50 रनों से हराकर फाइनल में जगह बनाई हो, लेकिन दुबई और पाकिस्तान की पिचों में बड़ा अंतर है। कीवी टीम गुरुवार को ही दुबई पहुंची, जबकि भारतीय टीम करीब 20 दिनों से यहां मौजूद है और इन परिस्थितियों में पूरी तरह ढल चुकी है। रोहित शर्मा की टीम ने अपना आखिरी मुकाबला मंगलवार को खेला था, जिससे उसे दो दिन का रिकवरी टाइम मिल गया। इसके अलावा, भारतीय टीम शुक्रवार को अभ्यास सत्र में हिस्सा लेकर अपनी तैयारियों को और पुख्ता करेगी।
दुबई की पिच पर असमंजस में न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी को पूरी तरह फिट होने में थोड़ा समय लग सकता है, जो टीम के लिए चिंता का विषय हो सकता है। वहीं, सेमीफाइनल में शतक जड़ने वाले रचिन रवींद्र ने दुबई की पिच को लेकर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि टीम को इस पिच के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। भारत के खिलाफ खेले गए पिछले मुकाबले में गेंद काफी टर्न हो रही थी, लेकिन एक अन्य मैच में पिच का मिजाज बिल्कुल अलग नजर आया, जहां ज्यादा टर्न देखने को नहीं मिला। इससे साफ है कि कीवी टीम अभी भी इस पिच को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है।
रवींद्र को रोकना भारत के लिए अहम
रचिन रवींद्र इस चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक शानदार फॉर्म में हैं और दो शतक जड़ चुके हैं। हालांकि, भारत के खिलाफ पिछले मुकाबले में वह ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ सके और केवल छह रन बनाकर हार्दिक पांड्या की गेंद पर अपर कट खेलने के प्रयास में आउट हो गए थे। बावजूद इसके, वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। ऐसे में भारतीय गेंदबाजों को फाइनल में उन पर विशेष ध्यान देना होगा।
इंग्लैंड के बेन डकेट 227 रन बनाकर इस टूर्नामेंट में शीर्ष स्कोरर हैं, जबकि रचिन रवींद्र 226 रनों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। जो रूट 225 रनों के साथ तीसरे और विराट कोहली 217 रनों के साथ चौथे नंबर पर हैं। श्रेयस अय्यर 195 रनों के साथ छठे स्थान पर काबिज हैं। हालांकि, भारत के लिए फाइनल में सबसे बड़ा खतरा रचिन रवींद्र हो सकते हैं, जिनकी शानदार फॉर्म को देखते हुए भारतीय गेंदबाजों को उनके खिलाफ विशेष रणनीति बनानी होगी।
सेमीफाइनल में शानदार 108 रन की पारी खेलने वाले रवींद्र ने कहा, “जब भी आप बल्लेबाजी करने आते हैं, तो आउट होने का जोखिम हमेशा रहता है। मेरी कोशिश रहेगी कि मैं ज्यादा से ज्यादा समय तक क्रीज पर टिकूं और अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करता रहूं।